घी क्या है | Ghee | Clarified Butter | What is ghee
- Nisha Madhulika |
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भारत में प्राचीन काल से ही घी के उपयोग के उदाहरण मिलते हैं जैसे कि "ऋण कृत्वा, घृतं पीवेत’ इस उक्ति में भी घी को स्थान देकर इसके महत्व को बताया गया है.
घी बनाने का तरीका
घी बनाने के लिए दूध से पहले मक्खन (butter) और फिर मक्खन से घी बनाया जाता है. भारत में काफी पुराने समय से लोग घरों पर ही घी का निर्माण करते आ रहे हैं. साथ ही दूध का दही जमाकर, उसकी मलाई को मथकर भी घी तैयार किया जाता है. मलाई और क्रीम के उपयोग से भी घी बनाया जाता है.
घी का रख रखाव
- घी को साफ सुथरे कन्टेनर में रखिए.
- घी को बर्तन से निकालते समय उसमें किसी भी प्रकार की नमी या गंदगी नहीं जानी चाहिए.
- घी को फ्रिज में भी रख सकते हैं लेकिन इसे बिना फ्रिज में रखकर भी लम्बे समय तक उपयोग में लाया जा सकता है.
- घी को फ्रिज में रख कर 1 साल तक आराम से उपयोग में लाया जा सकता है. लेकिन फ्रिज से बाहर रख कर इसे 3-4 माह के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए.
- घी में किसी प्रकार का फंगस ना आए या घी जल्दी खराब ना हो. इसके लिए घी का अच्छे से रखरखाव करना चाहिए. इसमें नमी नही आनी चाहिए.
- घी को हाथ से ना निकालें.
- घी को निकालने के लिए साफ और सूखी चम्मच का उपयोग कीजिए.
- अगर आपने ज्यादा मात्रा में घी बना लिया है तो इसे छोटे-छोटे कन्टेनर में भरकर रखें ताकि इसमें जल्दी से नमी ना आ सके.
घी कहां से मिलेगा
घी किसी भी डेयरी (dairy), किराना स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है. आप इसे अॉनलाइन (online) भी खरीद सकते हैं. आप घी को घर पर भी आसानी से बना सकते हैं. घर का बना घी शुद्ध और मिलावट रहित होता है. हमारी वेबसाइट पर घी (ghee) की रेसिपी उपलब्ध है:
घी का खाने में उपयोग
घी को विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. इससे हलवा, गुलाब जामुन, मालपुआ,घेवर, शाही टुकडा़, जर्दा इत्यादि. घी को दैनिक प्रयोग में होने वाली रेसिपी जैसे कि परांठे, चपाती, सब्जी, दाल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. इसके अतिरिक्त इसे ब्रेड, चावल इत्यादि में भी इस्तेमाल किया जाता है.
घी दिखने में कैसा होता है?
घी सफेद और हल्के पीले रंग का होता है. यह स्वाद में फीका किंतु स्वादिष्ट होता है. सुगंध से युक्त होता है तभी इसे पकवानों और मिष्ठानों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है.
घी के विभिन्न नाम
घी को विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. घी को संस्कृत में घृतम, मराठी में तूप, मैथिली में घ्यू, बंगाली मे़ घि, पंजाबी में घियो, कहा जाता है. इसके अतिरिक्त, गुजराती में ઘી, उड़िया में घिओ, कन्न्ड़ में तुप्पा, मलयालम में नय्यि, तमिल में नये कहते हैं. जहां गाय और भैंस से प्राप्त घी को शुद्धता का प्रतीक माना गया है, वही आयुर्वेद में तो गाय के घी को अमृत के समान कहा गया है. धार्मिक कार्यों में गाय के घी के उपयोग को बहुत महत्ता दी गई है.
घी (Ghee) से स्वास्थ्य लाभ
घी को सेहत के लिए उपयोगी भी बताया गया है. आयुर्वेद में उपयोग होने वाली कई दवाइयों में भी घी का उपयोग होता है. घी में विटामिन ए (Vitamin A), विटामिन डी (Vitamin D), कैल्शियम (Calcium), फॉस्फोरस (Phosphorus), मिनरल्स (minerals), पोटेशियम (potassium) जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. घी शरीर में ऎसे रसायनों का निर्माण करता है, जो पाचन क्रिया के लिए सहायक होते हैं. घी शरीर को ताकत और त्वचा में निखार लाता है.
रेसिपीज़ में घी का उपयोग
- काजू कतली
- चावल
- मावा जलेबी
- गुलाब जामुन
- मलाई घेवर
- मालपुआ
- नर्म मुलायम पूरियां
- राजस्थानी पंचमेल दाल
- सूजी का हलवा
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निशा: विनोद जी, बहुत बहुत धन्यवाद.