खस्ता कचौड़ियां – Khasta Kachodi Recipe – Kachori Recipe
- Nisha Madhulika |
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कचौड़ियाँ (Khasta Kachori) उत्तर भारत में बनाया जाने वाला पसन्दीदा पकवान है. सुबह सुबह यहां दुकानों पर भी नास्ते के लिये गरमा गरम कचौड़िया तैयार हो जाती हैं. खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं. ये उरद की दाल भर कर के बनाई जाती हैं. दाल भर कर बनायी कचौड़ियों (Kachodi) को आप एक सप्ताह तक रख कर खा सकते हैं.
Read this recipe in English - Urad Dal Khasta Kachori Recipe
आवश्यक सामग्री - Ingredietns for Khasta Kachori Recipe
आटा लगाने के लिये
- मैदा - 2 कप ( 250 ग्राम )
- रिफाइन्ड तेल - 1/4 कप से थोड़ा सा ज्यादा ( 60- 70 ग्राम)
- नमक - 1/2 छोटी चम्मच से थोड़ा ज्यादा या स्वादानुसार
पिठ्ठी बनाने के लिये
- धुली उरद दाल — 1/3 कप (50 ग्राम )
- हींग - 1 पिंच
- जीरा _ 1/2 छोटी चम्मच
- धनियाँ पाउडर _ 1 छोटी चम्मच
- सोंफ पाउडर _ 1 छोटी चम्मच
- गरम मसाला — 1/4 छोटी चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच से कम
- हरी मिर्च — 2 बारीक कटी हुई
- अदरक — 1 इंच लम्बा टुकडा़ बारीक कटा हुआ या 1 छोटी चम्मच पेस्ट
- हरा धनियाँ — 2 टेबल स्पून, बारीक कटा हुआ
- नमक — स्वादानुसार (1/3 छोटी चम्मच)
- तलने के लिये तेल
विधि - How to make Khasta Kachori
दाल को साफ करके 2 घंटे पहले पानी में भिगो दीजिये.
मैदा में तेल और नमक डाल कर मिला दीजिये, पानी की सहायता से मैदा को, परांठे के लिये गूंथे गये जैसे नरम आटे की तरह नरम गूंथ लीजिये. गुंथे हुये आटे को 20 मिनिट के लिये ढककर सैट होने के लिये रख दीजिये.
दाल की पिठ्ठी : भीगी हुई दाल को मिक्सी में मोटा मोटा (एकदम दरदरा) पीस लीजिये. कढ़ाई में 3 - 4 टेबल स्पून तेल डालिये, तेल गरम हो जाय तब जीरा, हींग, धनियाँ पाउडर, सौंफ पाउडर, हरी मिर्च ओर अदरक डाल दीजिये, मसाले को हल्का सा भूनिये, पिसी हुई दाल डाल कर मसाले में मिलाइये ओर दाल को चमचे से चलाते हुये भूनिये, जब दाल ब्राउन हो जाय, और अच्छी महक आने लगे तब हरा धनियाँ और गरम मसाला मिला कर 2 मिनिट और भून लीजिये. कचौड़ियों में भरने के लिये दाल की पिठ्ठी तैयार है.
कचौड़ियाँ तलने के लिये कढ़ाई में तेल गरम कीजिये. गुंथे हुये मैदे के बराबर के 12-14 गोले बना लीजिये. एक गोले को चकले पर बेलन की सहायता से थोड़ा सा बेलें और उसमें एक छोटी चम्मच भर के दाल रख दीजिये. चारों ओर से आटा उठायें और दाल को बन्द कर दीजिये, दाल भरे गोले को हथेली से दबाकर चपटा करें और फिर बेलन की सहायता से कम ताकत लगाकर उसे 2.5 - 3 इंच के व्यास में बेल लीजिये, वह फटनी नहीं चाहिये, कचौड़ी थोड़ी मोटी ही रखनी है. बेली गई कचौड़ी गरम तेल में डालें और पलट पलट कर दोंनो ओर ब्राउन होने तक धीमी और मीडियम गैस पर कुरकुरी तलें, तली हुई कचौड़िया कढ़ाई से निकालिये और प्लेट मे नैपकिन के ऊपर रखिये. एक साथ तीन या चार कचौड़ियाँ एक बार में तली जा सकती हैं. सारी कचौड़ियाँ बनाकर तलकर तैयार कर लीजिये. (साथ के फोटो में पिठ्ठी भरी लोही, हाथ से दबायी लोही एवं बेली हुई लोही)
ये गोल गोल खस्ता कचौड़ियाँ हरे धनिये की चटनी और आलू मसाला सब्जी के साथ परोसिये और खाइये.
हरे धनिये की चटनी कैसे बनायें (Hara Dhaniya Chatni).
- हरा धनियाँ - 200 ग्राम
- हींग - 1-2 पिंच
- हरी मिर्च - 4
- कच्चे आम की खटाई कटी हई - 50 ग्राम (आधा कप), या एक बड़ा नीबू का रस
- नमक - स्वादानुसार ( 3/4 छोटी चम्मच)
धनिये को साफ करके अच्छी तरह धो लीजिये और मोटा मोटा काट लीजिये , हरी मिर्च के डंठल तोड़ लीजिये, मिक्सी के जार में डालिये ,हरी मिर्च, हींग, खटाई या नीबू का रस मिला दीजिये और नमक डाल दीजिये. सभी को बारीक पीस लीजिये. काँच के प्याले में निकाल लीजिये. चटनी तैयार है.
Khasta Kachodi Recipe – Kachori Recipe
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Maam, is recipe se kitni kachodiyan banegi ?
Perfect recipe..... lov your kachori recipe.
For how many days we can store these kachori
निशा: बिंदिया जी, दाल को अच्छा भूना गया हो और कचौरी भी अच्छी सिकी हों तो इन्हैं 4-5 दिन रखकर खाया जा सकता है.
Hii mam ...thanks for this nice recipe...but mam me jab bhi pitthi banati hu to,wo kadai me chipak jati he ar brown bhi nahi hoti white Hi reh jati he....pls tell me sm suggestions
निशा: मोना जी, दाल को नानस्टिक पैन में भूनें या फिर तेल थोड़ा अधिक यूज करें, और लगातार चलाते हुये भूनें, दाल अच्छी भुनेगी.
यह रेसिपी बहुत अच्छी हैं। कृपया बिना बेलन की हाथों से दबा कर छोटी उड़द दाल की कचोरी की विधी बतायें
निशा: महेश जी, बहूत बहुत धन्यवाद, मैं छोटी उड़द दाल की कचौरी बनाने की कोशिश करूंगी.
I tried urad dal kachori recipe today and it turned out really tasty. Thanks nishaji for the wonderful recipe. Your site is very useful and I will come back to it for more recipes. Thanks and God bless.
निशा: अनीता जी, बहुत बहुत धन्यवाद.
Hi I am Mr. Dheer singh rathoure. From chef of italian restaurent .i like your recipy of khasta kachodi ,very nice and buityfull .thanks
निशा: धीर जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
Hmari khachodi khul kyun gyi refined me dalne ke bd
निशा: अनू जी, कचौरी में स्टफिंग ज्यादा भर देना या कचौरी को अच्छे से दबाकर बंद न किया गया हो तो ऎसा हो सकता है.
There r two types of kachories. One is khasta which is made in saharanpur n other one is soft which is normally made in Jaipur. Why they are different in their crispness?
निशा: तरून जी, कचौरी में डलने वाली सामग्री में विभिन्नता के कारण, और उन्है बनाने का तरीका अलग अलग होने से ऎसा होता है.
Thanx to u ...aaj Maine khasta kachuri AAP ki style me banaya tha it's delicious.
निशा: संदीप जी, बहुत बहुत धन्यवाद.