कच्ची घानी तेल । Kachi Ghani Oil
- Nisha Madhulika |
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कच्ची घानी तेल तिलहनों को बहुत कम तापमान पर गर्म करके तैयार किया जाता है. बहुत कम तापमान में गर्म होने के कारण तेल में मौजूद पौषक तत्व बने रहते हैं और यह शरीर के लिए बहुत फ़ायदेमंद भी होते हैं.
कच्ची घानी का तेल किन तिलहनों का होता है.
कच्ची घानी का तेल सरसों, तिल, मूंगफली, राई इत्यादि तिलहनों से प्राप्त होता है. कच्ची घानी निर्मित तेल में गंध और चिपचिपाहट अधिक मात्रा में होने से ही ये बहुत ही लाभदक होता है.
कच्ची घानी तेल कैसे बनता है
कच्ची घानी तेल को पहले तो कोल्हू द्वारा तैयार किया जाता था, जिसमें पशु को बांध कर चक्की चलती है और उसमें बीजों को डाल कर पीस कर तेल प्राप्त किया जाता रहा है. वैसे आज के समय में इस तरह से तेल निकालने की प्रक्रिया बहुत कम हो गई है. अब पशु के बदले कोल्हू का रूप मशीनों ने ले लिया है. अब मशीनों के द्वारा ही बीजों को पीस कर गर्म करके तेल निकाला जाता है. यह तेल किसी अन्य प्रक्रिया से नहीं गुजरता है इस कारण यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है.
वहीं अन्य प्रकार से निकाले गए तेल को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है. इसके कारण तेल में मौजूद ओमेगा और फैटी एसिड जैसे तत्व नष्ट हो जाते हैं. जिसके चलते इस तेल में उतना स्वाद और गुण मौजूद नहीं होते जितना कच्ची घानी से प्राप्त किए हुए तेल में होते हैं.
कच्ची घानी का तेल क्यों अच्छा माना जाता है
कच्ची घानी निर्मित तेल में उपस्थित महत्वपूर्ण तत्व जैसे कि फैटी एसिड (Fatty Acid), प्रोटीन, ओमेगा-3, विटामिन-र्इ और मिनरल्स (Minerals) इत्यादि उचित मात्रा में मौजूद होते हैं.
इसलिए खाने के लिए कच्ची घानी का तेल ही सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें तेल को पेरते समय उसका तापमान बहुत अधिक नहीं होता और उस कारण से तेल में मौजूद पोषक तत्व नष्ट नहीं होते.
कच्ची घानी तेल मात्रा में कम निकलता है और इसकी गुणवत्ता भी बहुत अधिक होती है. यदि देखा जाए तो यह अन्य तेल की तुलना में अधिक गुणकारी भी होता है.
कच्ची घानी तेल उपयोग
इस तेल का उपयोग अचार बनाने में पकौडे़ बनाने एवं पूरी इत्यादि बनाने में किया जाता रहा है. कच्ची घानी तेल के उपयोग से पकवानों का स्वाद बहुत बढ़ जाता है. अचार में उपयोग में लाए जाने पर इससे अचार का स्वाद और उसकी लम्बे समय तक सही बने रहने की संभावना भी बढ़ जाती है.
पहले गावों एवं कस्बों में तो कच्ची घानी के तेल का उपयोग ही बहुतायत में होता रहता है, लेकिन अब शहरों में भी समझदार लोग इसका उपयोग करते देखे जा सकते हैं.
कच्ची घानी तेल और अन्य तेलों में अंतर
कच्ची घानी से निर्मित तेल में तीक्ष्ण गंध होती है इनका स्वाद तीखा होता है और यह चिपचिपाहट से युक्त होता है. लेकिन जब अन्य विधि द्वारा तेल का निर्माण होता है तो यह तेल चिपचिपाहट और गंध रहित होते हैं. और उच्च तापमान में गर्म होने की प्रक्रिया के चलते तेल में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. जिनके कारण यह तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक नही रहता है.
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How to check the pure kacchi ghani tel from adulterated oil.
Good morning mam market me milne wale oils me se kaise pata kare kaun sa pure kacchi ghani hai
vivek जी, प्रोडक्ट पर लिखा होता है.
Pranaam Never use refined oil.It is 100 times hazardous .
Krishan masted oil
घानी के तेल से रसोइ करते समय धुवा क्यौ आता है?
Shamesh Wakchaure , तेल का कच्चा पन दूर करने के लिए जब इसे थोडा़ अधिक गरम करते हैं तो इसमें से धुआं उठता है.
मे एक नया सरसो मील लगाने जा रहा हूँ हम मशीनरी कहाँ से खरीद सकते हैं ओर हम अपने उधोग को बहुत ऊँचाई तक ले जाना चाहताहूँ हमे क्या सवधानिया वर्तनी चाहिये
MamYe sarso ka oil hota hai ya mix oil hota hai
निशा: महक जी, ये कच्ची घानी सरसों, मूंगफली, तिल इत्यादि से अलग अलग निकाला हुआ तेल है.